भगवान् श्रीकृष्ण र तुलसी एक पौराणिक दृष्टान्त
भगवान् श्रीकृष्ण र तुलसी एक पौराणिक दृष्टान्त बाणी गुणानुकथने श्रवणौ कथायां हस्तौ च कर्मसु मनस्तवपादयोर्नः ।। स्मृत्यां शिरस्तवनिवास जगतप्रणामे दृष्टि सतां दर्शनेऽस्तु भवत्तनुनाम् ।। –भागवत १०।१०।३८ प्रभो हाम्रो बाणीले हजुरको मङ्गलमय गुण, नाम वर्णन गरिरहोस्, कानहरूले हजुरको कथारूपी अमृत पान